Hyperloop क्या है ?
Hyperloop एक ऐसी तकनीक है जिसमें बड़े-बड़े पाइपों के अंदर वैक्यूम या निर्वात जैसा माहौल तैयार कर वायु की अनुपस्थिति में पॉड जैसे कोच में बैठकर 1000 से लेकर 1300 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सफ़र किया जा सकता है | Hyperloop टेक्नोलॉजी में खंभों के ऊपर (एलीवेटेड) ट्रांसपेरेंट ट्यूब बिछाई जाती है। यानी कि अगर आपको एक शहर से दूसरे शहर तक जाना है तो उस शहर से दूसरी शहर तक एक ट्यूब बिछी होगी|इसके अंदर लंबी सिंगल बोगी हवा में तैरते हुए चलती है। इसमें घर्षण बिल्कुल नहीं होता। इसी के चलते इस पॉड की स्पीड 1100 से 1200 किमी प्रति घंटे तक होती है।
इसमें बिजली का खर्च भी बहुत कम होता है। इसमें पॉल्युशन भी बिल्कुल नहीं होता। इस ट्रेन की स्पीड जापान में चलने वाली बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज होगी।
Tesla और SpaceX के CEO Elon Musk’s ने 2012 में Hyperloop Transportation Technologies Concept के बारे में पहली बार सोचा था |
Hyperloop Technology कैसे काम करती है? (How does the Hyperloop work?)

इस Hyperloop Technology में पैसेंजर या गुड्स को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए के लिए लो-प्रेशर ट्यूब और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन का उपयोग किया जाता है |इसमें Passenger capsule vacuum tubes की तरह हवा के दवाब से नहीं चलता है, बल्कि यह दो Electromagnetic motor के द्वारा चलता है. इसकी मदद से लगभग 760 मील प्रति घंटा की स्पीड से सफ़र किया जा सकता है ,इस विशेष प्रकार से डिज़ाइन किये गए capsule या पॉड्स का इस टेक्नोलॉजी में प्रयोग किया जाता है| इनमें पैसेंजर को बिठाकर या फिर गुड्स लोड कर के इन कैप्सूल्स या पॉड्स को जमीन के ऊपर Transparent pipe जो कि काफी बड़े हैं में इलेक्ट्रिकल चुम्बक (Electromagnetic) पर चलाया जाएगा| यहीं आपको बता दें कि चुंबकीय प्रभाव से ये Pods ट्रैक से कुछ ऊपर की तरफ उठ जाएंगे इसी कारण इनकी स्पीड ज्यादा हो जाएगी और Friction कम होगा|
First Hyperloop Train in India-India’s 1st Hyperloop project
मुंबई-पुणे Hyperloop एक अति आधुनिक, नई सुपरफास्ट ट्रांसपोर्ट परियोजना होगी जिसे दो शहरों को जोड़ने के लिए लागू किया जाएगा|
Hyperloop train speed in india-भारत में इसकी स्पीड 700 km /hr से 1200 km /hr तक हो सकती है जोकि संभावित है |
भारत में 2029 तक शुरू होगी हाइपरलूप परिवहन तकनीक
भारत की पहली Virgin Hyperloop One (VHO) Commercial Project 2029 तक मुंबई और पुणे के बीच शुरू हो सकती है।

Mumbai-Pune, Bengaluru और Bengaluru City से Kempegowda International Airport तक के hyperloop corridor को 2029 तक मंजूरी के आधार पर तैयार किया जा सकता है, American technology transport company Virgin Hyperloop के द्वारा ये घोषणा किया गया है |
कंपनी ने कहा कि उसने केंद्र और राज्यों दोनों सरकारों के साथ चर्चा की है और 2025 तक approval और certification मिलने की उम्मीद है।
मध्य पुणे को मुंबई से जोड़ने वाली सुपरफास्ट हाइपरलूप परियोजना, जो कि 200 किलोमीटर की है, पहले इस प्रोजेक्ट को 2024 तक तैयार होने की उम्मीद थी, अब कम से कम पांच साल की देरी हो गई है। कैलिफ़ोर्निया की कंपनी वर्जिन हाइपरलूप वन ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लिया है ।
मुंबई-पुणे हाइपरलूप ट्रैक (Mumbai-Pune Hyperloop track)
मुंबई-पुणे हाइपरलूप प्रणाली में, पारंपरिक स्टील ट्रैक को मैग्लेव (चुंबकीय उत्तोलन) ट्रैक के साथ बदल दिया जाएगा।
मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना लागत (Mumbai-Pune Hyperloop Project Cost)
हाइपरलूप, जो पहले चरण में लगभग 11 किमी की दूरी के लिए पायलट आधार पर चल रहा है, 500 मिलियन अमरीकी डालर की लागत से बनाया जाएगा। दूसरा चरण, जो कि प्रणाली का वाणिज्यिक चरण है, की अनुमानित लागत 8-9 बिलियन अमरीकी डालर है।
मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना के लाभ ( Mumbai-Pune Hyperloop Project benefits)
शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करने के अलावा, परियोजना से एक्सप्रेसवे पर गंभीर भीड़ को कम करने की भी उम्मीद है। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, इस सेवा के साथ कम होने की संभावना है।
Hyperloop Train in World
Virgin Hyperloop conducts first test with human passengers

Hyperloop Train जिसकी पहली बार पैसेंजर के साथ टेस्टिंग सफल रही है |Virgin Hyperloop One इस टेक्नोलाॅजी की टेस्टिंग करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई है| वर्जिन हाइपरलूप. Billionaire Richard Branson की कंपनी ने हाई-स्पीड पाॅड सिस्टम की यात्रियों के साथ पहली टेस्टिंग सफलतापूर्वक कर लिया है |यह टेस्टिंग अमेरिका के नेवाडा राज्य के लाॅस वेगास(Los vegas) में की गई. इसकी अधिकतम स्पीड 172 किमी प्रति घंटे थी |
First Hyperloop Passenger Test
वर्जिन हाइपरलूप ने पहली बार मानव यात्रियों (human passengers) के साथ futuristic hyperloop transportation system का परीक्षण किया है। कंपनी के chief technology officer और यात्री अनुभव के निदेशक इस परीक्षण में दो यात्री थे।
यात्रियों को परीक्षण पॉड में मात्र 15sec में 500 मीटर की दूरी पर ले जाया गया था, जिसे केवल दो लोगों को फिट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। अंतिम उत्पाद, हालांकि, निर्माता के अनुसार, 28 यात्रियों की बैठने की क्षमता होगी।
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