Video Conference Etiquette Tips

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ऑनलाइन  मीटिंग्स के जरूरी  शिष्टाचार

ऑनलाइन मीटिंग्स आजकल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं. ऐसे में यहां अपने हाव भाव और प्रतिक्रियाओं के प्रति सजग रहना बेहद आवश्यक है, अगर आप भी ऑनलाइन मीटिंग्स के नए अनुभव से दो चार हो रहे हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है.

लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन मीटिंग्स का चलन अब दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. पिछले कई महीनों से जहां अधिकतर काम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रहे हैं. वहीं कंपनियों की मीटिंग्स से ले कर पेरेंट्स टीचर मीटिंग्स, किटी पार्टियां, और तो और कवि गोष्ठियां तक ऑनलाइन हो रही हैं.

हर किसी के लिए ऑनलाइन मीटिंग्स यह एक नया और रोमांचक अनुभव है, जिसे जूम ऐप ने और सहूलियत वाला बना दिया है.

हॉल ही में ज़ूम की सफलता को देखते हुए गूगल ने भी गूगल मीट लांच किया है और वही भारत की प्रमुख कम्पनी रिलायंस ने भी जिओ मीट के नाम से अपना नया एप्प लांच किया है जो भारत में काफी पॉपुलर हो रहा है |

एक सर्वे के अनुसार. जूम ऐप अब तक 10 करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कामकाजी युवक-युवतियों को तो आए दिन ऐसी मीटिंग्स में शामिल होना पड़ता है.

तो फिर आइए, जानते हैं वे खास ऐटिकेट्स जो ऑनलाइन मीटिंग्स में हर किसी के लिए जरूरी हैं:

  • बैठने की जगह और सलीका (तरीका)

आमतौर पर मीटिंग की सूचना एक दिन या कुछ घंटे पहले दी जाती है. इसलिए आप के पास तैयारियों के लिए पर्याप्त समय होता है.तो  यह जरूरी है कि आप सब से पहले घर में बैठने की जगह का चुनाव करें.

अगर आप का अपना अलग कोई कमरा नहीं है तो थोड़ी दिक्कत आ सकती है. मीटिंग कई बार देर तक मी चल सकती है. इसलिए घर में एकांत जगह चुनें और घर वालों को मीटिंग के बारे में बता दें, जिस से कोई दिक्कत पैदा न हो.

मीटिंग मोबाइल से अटैंड कर रही हों या लैपटाप के जरिए बैठने के लिए प्राथमिकता टेबल कुरसी को दें. ठीक वैसे ही जैसे ऑफिस  के कांफ्रेंस हाल  में होती है, अगर आप के घर में टेबल कुरसी न हों तो बिस्तर या सोफे का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इस के लिए कैमरा ऐसे सैट करें कि बिस्तर और कमरा कम से कम नजर आएं.

कैमरा सैट करने के बाद बैकग्राउंड चैक करें. अगर इस में गैरजरूरी सामान नजर आ रहे हों तो उन्हें हटा लें या फिर परदे से ढक दें| अगर बैठे भी तो  ठीक वैसे ही जैसे औफिस में बैठते हैं. जमीन में पालथी मार कर लेट कर या फिर अधलेटी मुद्रा में मीटिंग अटैंड न करें. यह एक फूहड़ तरीका है.

  • बौडी लैंग्वेज (शारीरिक हाव – भाव)

हमेशा ऑनलाइन मीटिंग में आत्मविश्वास ( Self Confidence )का होना बेहद जरूरी होता है और यह अकसर आप की बौडी लैंग्वेज से भी प्रदर्शित होता है. खुद को सहज दिखाने की कोशिश में असहज हरकत न करें, जैसे बार बार कान खुजाना, बालों पर हाथ फेरना, नाक में उंगली डालना, आंखें मिचमिचाना. नजरें इधर उधर घुमाना या फिर नजरें झुका कर मीटिंग अटेंड करना आदि. आंखें यथासंभव कैमरे पर ही टिकी होनी चाहिए.

  • ड्रैसिंग सेंस

मै ‘घर में हूं, इसलिए कुछ भी पहन लू चलेगा’ इस सोच को दिमाग से निकाल दें. क्योंकि ऑनलाइन मीटिंग में भी लोग यानी सहकर्मी, जूनियर्स, सीनियर्स और बौस वगैरह आप को गौर से देखते हैं और सलीके के पहनावे की मी स्वाभाविक उम्मीद करते हैं.

नाइट ड्रैस, तंग टीशर्ट ,लोअर पहन कर मीटिंग में शामिल होंगी तो आप को कुछ और मिले न मिले. फूहड़ और गंवार होने का सर्टिफिकेट जरूर मिल जाएगा.

ऑनलाइन मीटिंग में ड्रैसिंग सैंस काफी माने रखता है. इसलिए कैजुअल ड्रैस पहनें जिस का साफसुथरा और प्रैस होना भी जरूरी है. ऐसी मीटिंग्स के लिए फॉर्मल शर्ट-पेंट ,सलवार-सूट एक बेहतर विकल्प है ड्रैस का रंग पर्सनैलिटी के हिसाब से चुना जा सकता है हालांकि सफेद ड्रैस कैमरे में ज्यादा आकर्षक दिखती है.

  • मेकअप का ध्यान रखें

आप ऑनलाइन मीटिंग्स को मैरिज या किसी अन्य तरह की पार्टी न समझें कि खूब सा और डार्क मेकअप जरूरी हो. यहाँ हलका मेक अप ज्यादा प्रभावी साबित होता है. चेहरे को साफ कर लें

मीटिंग शुरू होने के पहले एक बार खुद को आईने में देख कर तसल्ली कर लें कि कहीं कुछ अटपटा तो नहीं लग रहा. अगर लगे, तो उसे ठीक कर लें| हेयरस्टाइल भी समान्य ही रखें. खुले बाल बैठना या बालों में बैंड लगा कर बैठना भी उचित नहीं होगा.

  • संभल कर बोले

मीटिंग की शुरुआत में औपचारिक हाय हैलो के बाद मुख्य वक्त्ता की बात गौर से सुनें जो अकसर आप का अधिकारी या बौस होता है. वह मीटिंग की भूमिका और एजेंडा दोनों बताता है. जैसे जैसे मीटिंग आगे बढ़ती है वैसे वैसे बोलने के या कुछ बताने के मौके मी आते हैं लेकिन मुख्य वक्त्ता को बीच में न टोकें . कुछ कहना हो तो हाथ उठा दें. वह अपनी बात खत्म कर आप को बोलने का मौका देगा.

ऑनलाइन मीटिंग में बोलना काफी अहम होता है.कि कुछ भी बोल कर हाजिरी दर्ज करानी है. सिर्फ इसलिए न बोलें. बोलना तभी प्रभावी होता है जब आप को बोलने के लिए कहा जाए या बात आप के कार्य से संबंधित हो रही हो.

जिस विषय पर मी मीटिंग या बातचीत हो रही हो उस का पूरा होमवर्क पहले ही तैयार कर लें. बौस या सीनियर आप के कार्य से संबंधित सवाल कमी भी पूछ सकते हैं या कोई जानकारी मांग सकते हैं. आप का सटीक और सही जवाब आपकी स्मार्टनेस ही साबित करेगा.

अगर किसी सवाल का जवाब नहीं मालूम है या आप के पास पूरी जानकारी नहीं है तो विनम्रतापूर्वक सौरी कह दें लेकिन अस्पष्ट, अधूरे और गलत जवाब आप की इमेज बिगाड़ सकते हैं. गोलमोल जवाब तो कतई न दें.

ऑनलाइन मीटिंग में भी कई बार बहुत से लोगों का एकसाथ बोलना स्वाभाविक बात है. कई बार किसी बात को ले कर आपस में बहस भी छिड़ जाती है. ऐसे में आप को संमल कर पेश आने की जरूरत है. मसलन :

 कोई बोल रहा हो, तो बीच में टोकें नहीं. अगर कोई आप की बात को काटे. तो उत्तेजित न हो और आवेश में न आएं. अपनी बात शांति से कहें, तेज बोलना अकसर जरूरी नहीं होता. यह हमेशा याद रखें कि यह कोई टीवी डिबेट नहीं है.

● किसी भी सहकर्मी से इशारों में बात न करें, न ही इशारा करें क्योंकि औनलाइन मीटिंग में सभी लगातार एकदूसरे को ही देख रहे होते हैं.

● किसी पर भी व्यक्तिगत आरोप न लगाएं और कोई अगर आप पर आरोप लगाए तो उसे नजरंदाज करें और यह याद रखें कि बौस नाम का जीव यों ही बौस नहीं होता. उस की चौकस नजरें सभी के क्रियाकलापों पर होती हैं. कोई भी सुझाव अपने स्वार्थ, जिद या सहूलियत के लिए न दें.

● औनलाइन मीटिंग में सैलरी, मत्तों और छुट्टियों वगैरह की बात न करें, क्योंकि ये मीटिंग्स एक खास मकसद से बुलाई जाती हैं. इसलिए सिर्फ काम की ही बात करें.

● किसी को अपमानित करने की कोशिश कमी भी न करें.

ये कुछ बातें ऑनलाइन मीटिंग में आप के लिए काफी मददगार साबित होंगी, जो मीटिंग में खुद को पेश करने का सही सलीका बताती हैं. औनलाइन मीटिंग अभी शुरुआती दौर में है. इसलिए काफी कुछ इन में ऐसा हो जाता है जो नहीं होना चाहिए. मगर कोशिश यही करें कि आप से कोई गलती न हो.

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