दिवाली की मिठाई कैसे पहचाने असली है या नकली ?

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दिवाली की मिठाई कैसे पहचाने असली है या नकली ?
दिवाली की मिठाई कैसे पहचाने असली है या नकली ?

दिवाली खुशी का त्यौहार है जो हमेशा अपने प्रियजनों के साथ बहुत सारी मिठाइयों का सेवन और साझा-sharing lots of sweets करने से फैलता है। दिवाली के दौरान, हर भारतीय घर में मिठाई की रेंज भर जाती है। हालाँकि, बाजार में मिलने वाली दिवाली की मिठाई (नकली मिठाइयों) में व्यापक पैमाने पर मिलावट होने के कारण, कई लोग घर पर ही दिवाली की मिठाई तैयार करना पसंद करते हैं, भले ही यह समय लेने वाली हो और इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

यदि आप घर पर दिवाली की मिठाई तैयार करने में समय और प्रयासों को लगाने की स्थिति में नहीं हैं और बाजार में उपलब्ध मिठाइयों पर निर्भर हैं, तो इससे पहले कि आप या आपके किसी प्रियजन इसका सेवन करें, उन मिठाइयों पर कुछ सरल परीक्षण चलाने की जोरदार सिफारिश की जाती है। आपके लिए चीजों को आसान बनाने के लिए, हमने स्मार्ट ट्रिक्स सूचीबद्ध किए हैं, जिन्हें आसानी से और जल्दी से जांचा जा सकता है कि क्या आपने जो मिठाई बाजार से खरीदी है, वह असली है या नकली।

त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है जो मिठाइयों की मिठास के बिना अधूरा है। लेकिन इन दिनों मार्केट में दिवाली की मिठाई में मिलावट का मायाजाल भी जोरों पर है। आप बाजार में बनी मिठाई खरीदें या फिर घर पर मिठाई बनाने के लिए बाजार से मावा या खोवा खरीदें, मिलावाटी मावे का कारोबार जोरों पर चल रहा है।

How to know whether sweets are real or fake?

यदि आप बाजार से ’खोया’ का उपयोग करके घर पर मिठाई बनाना चाहते हैं, तो अपने अंगूठे के नाखूनों पर थोड़ा ’खोया’ रगड़ें। अगर यह असली है, तो आपको इसमें से घी की हल्की सुगंध मिलेगी और यह सुगंध कुछ समय के लिए रहेगी।

  •  बूंदी लड्डू ’खरीदते समय, सुनिश्चित करें कि लड्डू का रंग गहरा नारंगी न हो। गहरा नारंगी रंग इसकी तैयारी में कृत्रिम रंग के अत्यधिक उपयोग को indicates करता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

नकली मावे से कैंसर का खतरा, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

  • मावा ’खरीदते समय, पहले इसका बहुत छोटा हिस्सा चखें। यदि आप अपने मुंह में एक दानेदार बनावट महसूस करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह मिलावटी है। ऐसे में घर पर मिठाई बनाने के लिए खोया या मावा खरीदने से पहले इसकी जांच कर लें कहीं यह नकली तो नहीं है। इसके लिए खोये को उंगलियों में लेकर रगड़ें। अगर उसमें चिकनापन नहीं है, तो समझ जाएं कि वह नकली है।’मावा’ में थोड़ी चीनी मिलाएँ और फिर गरम करें। यदि पानी की निकासी शुरू होती है, तो इसका मतलब है कि ‘मावा’ नकली है।
  • हमेशा खरीदने से पहले मिठाई को सूंघना। यह बेसिक और सबसे simple tricks में से एक है यदि मिठाई बासी है, तो आप इसकी दुर्गंध के कारण मिठाई की दुकान पर तुरंत इसका पता लगा सकते हैं।
  • गर्म पानी में आयोडीन मिलाएं और बाजार से खरीदी गई कुछ मिठाइयों को मिलाएं। यदि यह पानी में घुल जाता है, तो इसका मतलब है कि विक्रेता ने आपको नकली मिठाई बेची है।
  • कई मिठाइयों में  ultra thin silver foils होते हैं, जो उस पर रखे / लपेटे जाते हैं, जो कि ज्यादातर मामलों में नकली सिल्वर फॉयल होते हैं। ऐसी मिठाइयाँ खरीदने से पहले, इसके छोटे टुकड़े को अपने हाथ पर रगड़ें। यदि पन्नी रगड़ने पर अलग हो जाती है, तो यह नकली है।

नकली मिठाई की कैसे करें पहचान


दिवाली के मौके पर मिठाइयों की डिमांड बढ़ने की वजह से मिलावट का धंधा भी जोरों पर रहता है। ऐसे में बाजार से मिठाई खरीदने से पहले आप उसकी जांच कर यह जान सकते हैं कि यह मिठाई कहीं नकली तो नहीं है। इसके लिए आपको फूड लैब जाने की जरूरत नहीं बल्कि आप घर पर ही टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए टिंचर आयोडीन की 5 बूंदें, मिठाई के थोड़े से टुकड़े पर डालें और इसे गर्म करें। अगर मिठाई नकली होगी तो उसका रंग नीला या काला हो जाएगा।

असली-नकली खोये की पहचान
मिठाइयों की मांग बढ़ने के साथ ही मिठाई बनाने में इस्तेमाल होने वाले खोये की डिमांड भी बढ़ जाती है जिस वजह से नकली और मिलावटी खोये का कारोबार भी फलने-फूलने लगता है।

मिलावटी या नकली मावे का स्वाद व रंग सामान्य से अलग होता है। मिलावटी मावे को उंगलियों में लेकर रगड़ने पर उसमें चिकनापन नहीं है, तो समझ जाएं कि वह नकली है।- मिलावटी मावे की पहचान के लिए थोड़ा-सा मावा लेकर उसे किसी बर्तन में रखकर उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर गर्म करें।

– गर्म होने के बाद उसमें टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालें।

– अगर खोवे में स्टार्च मिला होगा तो उसका रंग तुरंत नीला हो जाएगा, जबकि असली मावे का रंग पहले जैसा ही रहेगा।

– इसी तरीके से मिलावटी मावे से बनी मिठाई की भी जांच घर पर की जा सकती है।

फूड एक्सपर्ट्स की मानें, तो 1 Kg Milk से सिर्फ 200 ग्राम मावा ही निकल सकता है। तो जाहिर है इससे मावा बनाने वालों को और व्यापारियों को इससे ज्यादा फायदा नहीं होता और वे मावे में मिलावट का काम करते हैं। अक्सर वे मिलावटी मावा बनाने में शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदे का इस्तेमाल खूब करते है। इसके अलावा वो नकली मावे का Weight बढ़ाने के लिए उसमें Starch और Iodine की मिलावट भी करते है। दूध के पाउडर में कुछ दुकानदार वनस्पति घी मिलाकर भी मावा बनाते हैं|

ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर आप घर बैठे मिलावटी मावे या खोवे की पहचान कैसे कर सकते हैं मिलावटी मावा या खोवा बनाने के लिए सिंथेटिक दूध का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कैंसर होने का डर सबसे अधिक रहता है। नकली मावे के सेवन से लीवर को भी काफी नुकसान होता है। लीवर में सूजन और आंतों में संक्रमण होने का डर बढ़ जाता है। साथ ही मिलावटी मिठाई और मावा खाने से पीलिया यानी जॉन्डिस भी हो सकता है।

दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं -Happy Diwali 2020

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