काम के प्रति सच्ची लगन
काम के प्रति जूनून और लगन आज के ज़माने में बहुत कम लोगो में ही देखने को मिलती है । मॉडर्न दुनिया के इस दौर में मे सभी लोग सब कुछ बहुत जल्दी पाना चाहते है । अकसर हमें अखबारों, न्यूज़ में ऐसी खबरे पढ़ने और सुनने को मिलती हैं कि रातोंरात कामयाबी ने कई लोगों के कदम चूमे। ऐसी खबरे देखकर और सुनकर हमारा भी मन करता है की हमे भी वो सब कुछ जल्दी से जल्दी मिले।
Why We Forget Most of the Books We Read, What’s the purpose of reading?
अक्सर दूसरों की कामयाबी को देखकर हम लोगों को लगता है कि बड़ा नाम कमाना या सफल होना बाएँ हाथ का खेल है क्योंकि हमे उनकी कामयाबी के पीछे लगी कड़ी मेहनत और लगन का अंदाज़ा नहीं होता। हम लोग सिर्फ कामयाबी और सफलता को ही देखते हैं।
लेकिन सच्ची लगन का मतलब क्या होता है? सच्ची लगन का मतलब है ‘नाकामी या समस्याओं के बावजूद किसी भी हालत मे अपने मकसद या काम में मज़बूती से टिके या लगे रहना। EINSTEIN की यह कहानी सच्ची लगन का एक EXAMPLE है;

महान वैज्ञानिक Elbert Einstein जब भी कोई काम किया करते थे तो उस काम मे इस तरह से खो जाते थे की उन्हे दूसरे किसी काम की होश नहीं रहता था । एक बार वो अपनी laboratory मे कोई काम कर रहे थे, तो उनकी पत्नी उनके लिए खाना लेकर आयी। उनको काम मे खोया हुआ देखकर वो उनकी थाली एक table पर रख कर चली गयी। उन्होने सोचा की जब भी काम से फुरसत मिलेगी, वो खाना खा लेंगे। साथ ही Einstein के सहयोगी मित्र भी काम पर लगे थे। खाने की थाली देखकर उनकी भूख भड़क गयी और वो Einstein को छोड़कर खाना खाने के लिए चले गए। उन्होने अपने खाने के साथ Einstein का खाना भी खा लिया। Einstein पूरी लगन के साथ अपने काम मे लगे थे। जब उन्होने अपना काम निपटा लिया तो वो खाना खाने के लिए अपने table के पास गए तो उन्होने देखा सभी बर्तन खाली है। उन्होने सोचा की शायद मै खाना खा चुका हु और फिर पानी पीकर वापिस अपने काम मे लग गए। उनके सभी सहयोगी उनके काम के प्रति लगन को देखकर अचंभित हो गए।
इसी को कहते है काम के प्रति सच्ची लगन |